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तमिलनाडु सरकार ने एक बड़ा ऐलान किया है। भगवान मुरुगन की तीन नई मूर्तियाँ बनाई जाएंगी। इनमें से सबसे बड़ी मूर्ति कोयंबटूर के मरुधमलाई (Marudhamalai temple) में बनेगी। यह मूर्ति 184 फीट ऊँची होगी और यह दुनिया की सबसे ऊँची मुरुगन मूर्ति होगी।
इस मूर्ति को बनाने में ₹110 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। पूरी योजना में तीन मूर्तियाँ बनाई जाएंगी और इन पर कुल मिलाकर ₹146.83 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
बाकी दो मूर्तियाँ कहाँ बनेंगी?
- एरोड (थिंदल मंदिर) में एक और मूर्ति बनाई जाएगी, जो 180 फीट ऊँची होगी। इस पर ₹30 करोड़ खर्च होगा।
- रानीपेट (कुमारगिरी मंदिर) में तीसरी मूर्ति बनाई जाएगी, जिसकी ऊँचाई 114 फीट होगी और इस पर ₹6.83 करोड़ का खर्च आएगा।
मरुधमलाई में खास क्या होगा?
मरुधमलाई में जो मूर्ति बनेगी, उसके साथ एक बड़ा परिसर भी तैयार किया जाएगा। इसमें एक संग्रहालय (म्यूज़ियम), पार्किंग, और दूसरी ज़रूरी सुविधाएँ भी होंगी, जिससे लोग आराम से दर्शन और घूमने दोनों कर सकें।
लोगों की क्या राय है?
कुछ लोग सरकार के इस फैसले से खुश हैं और इसे अच्छा कदम मानते हैं। लेकिन कुछ लोगों ने इस पर सवाल भी उठाए हैं। उनका कहना है कि सरकार को धर्म से जुड़े कामों में ज़्यादा नहीं पड़ना चाहिए।
कुछ नेताओं ने कहा है कि स्कूलों और कॉलेजों में धार्मिक चीज़ों को बढ़ावा देना सही नहीं है। इस पर सरकार का कहना है कि ये सारे काम सिर्फ उन्हीं मंदिरों और संस्थानों में हो रहे हैं जो सरकार के धार्मिक विभाग (HR & CE) के अंदर आते हैं।
आखिर में
भगवान मुरुगन की ये मूर्तियाँ आस्था से जुड़ी हैं, लेकिन ये जगहें आने वाले समय में पर्यटन के लिए भी खास बन सकती हैं। लोग दर्शन करने के साथ-साथ घूमने भी आएंगे। मरुधमलाई की मूर्ति पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच सकती है।